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"नये वर्ष की,नयी आग में"




 "दुनिया कहती आज जिसे है,
  वह तो केवल सपना है !
  बीत गया'कल' औरों का था,
  आने वाला अपना है !!
  जीवन सागर नयी दिशा में,
  देखो ठाठें मार रहा ;
  नये वर्ष की,नयी आग में,
  जलकर सबको तपना है !!"
© वी.पी.सिंह

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2 Comments

kapil sharma

30-Dec-2021 06:43 PM

🙏🙏🙏

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Virendra Pratap Singh

21-Feb-2022 11:54 PM

Many many thanks for likening and comment, Kapil Jee.

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